Talks With BMR

न्यायिक इतिहास के पन्नों में न्यायमूर्ति चंद्रचूड़: एलजीबीटीक्यू+  अधिकार से लेकर डिजिटल न्याय तक

मुख्य न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ के नवंबर 2022 से नवंबर 2024 तक के कार्यकाल को भारतीय न्यायपालिका के सबसे प्रगतिशील दौरों में से एक माना जाता है। उनसे उम्मीदें थीं कि वे व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा करते हुए न्यायिक प्रणाली में व्याप्त चुनौतियों का समाधान करेंगे। न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने संविधान के रूपांतकारी उद्देश्य को […]

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प्रकृति से पीड़ितों के लिए वरदान है सोशल मीडिया

हम भली-भांति समझते है। इसलिए सहर्ष स्वीकार करने में संकोच भी नहीं करते। परिवारों के टूटने का मैं स्वयं साक्षी रहा हूं। देखते ही देखते परिवार संख्यात्मक रुप से  बड़े हो गए, फिर छोटे-छोटे परिवारों में विभाजित हो गए। आर्थिक मजबूरियों ने तहलका इस कदर मचाया कि भाइयों का कुनबा राज्य ही नहीं अपितु देश […]

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गुमशुदा बच्‍चों और मानव तस्‍करी के शिकार बने लोगों के लिए बायोमेट्रिक का उपयोग

 गुमशुदा बच्चों और मानव तस्करी के शिकार बने लोगों को उनके परिजनों से मिलाने में बायोमेट्रिक प्रणाली की अहम भूमिका हो सकती है। भारतीय पुलिस द्वारा बायोमेट्रिक प्रणाली का अधिकाधिक इस्‍तेमाल इस प्रकार के कार्य करने वाले गिरोहों का पर्दाफ़ाश तेजी से होगा। इस तकनीकी के उपयोग से मैनपावर भी कम लगेगी और साथ ही […]

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झूठे रथ पर सवार भारत के बच्चे

बच्चे’ एक महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय संपत्ति हैं और राष्ट्र का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि वहाँ बच्चों का विकास किस प्रकार हो रहा है। प्रगति के लंबे-चौड़े दावों के बावजूद भारत में बच्चों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। बहुत से बच्चों को गरीबी और गंभीर सामाजिक-आर्थिक समस्याओं के चलते स्कूल का मुंह […]

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बच्चों को भगवान का दर्जा देने का हक खो चुका है आज का समाज

च्चे तो भगवान का रुप होते हैं” अक्सर यह डायलॉग समाज में बच्चों की मासूमियत को प्रकटीकरण के तौर पर हर एक व्यक्ति द्वारा उपयोग में लाया जाता है। वाक्य बिल्कुल सही है, पर शायद इस वाक्य को प्रयोग में लाए जाने का हक आज का समाज को चुका है।      इस देश में […]

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